Friday, December 26, 2008

हौसला-कैफी

हौसला

तू खुर्शीद है,बादलों में न छुप,
तू महताब है जगमगाना न छोड़,

तू शोखी है शोखी राअयत न कर,
तू बिजली है बिजली ,जलाना न छोड़,

अभी इश्क़ ने हार मानी नहीं,
अभी इश्क़ को आज़माना न छोड़.