Monday, July 20, 2009

ज़ौक़

दुनिया के अलम जौक उठा जायेंगे,
हम क्या कहें क्या आए थे, क्या जायेंगे,
जब आए थे तो रोते हुए आप आए थे,
अब जाएँगे औरों को रुला जाएँगे।

मुकद्दर

मुकद्दर का मतलब है गन्दा ,घिनौना , जो साफ़न रहता हो । ये शब्द मुक़द्दर से अलग है जिसका मतलब होता है भाग्य।

ये लिखा जाता है,कुछ इस तरह:


م+ک+دّ+ر=مکدّر

ज़ौक़

आदमी हो गर मुकद्दर क्या कसूर इदराक का,
खाक़ का पुतला है ये,कुछ तो असर हो खाक़ का।

मुकद्दर का मतलब है गन्दा ,घिनौना , जो साफ़ न रहता हो । ये शब्द मुक़द्दर से अलग है जिसका मतलब होता है भाग्य।

इदराक-ज्ञान,प्रतिभा,समझ.

ज़ौक़

जो कहोगे तुम, तो कहेंगे हम,हाँ यूँ ही सही,
आप की यूँही खुशी है,मेहरबान यूँ ही सही।
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हम हैं गुलाम उन के जो हैं वफ़ा के बन्दे,
इस को यकीन मानो गर हो खुदा के बन्दे।
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