यूँ चलिए राह-ए-शौक़ में ऐसे हवा चले,
हम बैठ बैठकर जो चले भी तो क्या चले।
बैठे उदास उठे परेशाँ ख़फ़ा चले,
पूछे तो कोई आपसे,क्या आए थे क्या चले ?
बैठा है ऐतकाफ़ में ए दाग़-ए-रोज़ादार
ऐ काश! मैकदे को ये मर्द-ए-खुदा चले।
This is for all those who love urdu,would like to Read and write Urdu.
Wednesday, August 12, 2009
सुख़न
सुख़न यानी काव्य,कविता,बोल,वचन:
सु=س
ख़=خ
न=ن
सुख़न=سخن
सु=س
ख़=خ
न=ن
सुख़न=سخن
ग़ालिब ने कहा है - " हैं और भी दुनिया में सुखनवर बहौत अच्छे , कहते हैं के ग़ालिब का अंदाज़-ए-बयाँ और।
नामावर (नामाबर)
नामावर या नामाबर का अर्थ है संदेश पहुंचाने वाल या पात्र पहुंचाने वाला यानी (पोस्टमन) :
ना=نا
मा= ما
व= و
र= ر
नामावर=ناماور
ना=نا
मा= ما
व= و
र= ر
नामावर=ناماور
सुराग़
सुराग़ शब्द हिन्दी कोर्ट कचहरी ki सामान्य बोल चाल में और फिल्में देखते वक्त तो हर बार सुनाई देता है ,
इसका अर्थ है चिन्ह,निशान,सबूत या खोज:
सु=س+و
रा=ر+ا
ग़=غ
सुराग़ =سوراغ
इसका अर्थ है चिन्ह,निशान,सबूत या खोज:
सु=س+و
रा=ر+ا
ग़=غ
सुराग़ =سوراغ
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