Wednesday, August 12, 2009

दाग़ देहलवी

यूँ चलिए राह-ए-शौक़ में ऐसे हवा चले,
हम बैठ बैठकर जो चले भी तो क्या चले।

बैठे उदास उठे परेशाँ ख़फ़ा चले,
पूछे तो कोई आपसे,क्या आए थे क्या चले ?

बैठा है ऐतकाफ़ में ए दाग़-ए-रोज़ादार
ऐ काश! मैकदे को ये मर्द-ए-खुदा चले।

क़ियामत

क़ियामत का मतलब है - वोह दिन जब सब ख़त्म हो जाएगा (आखिरी दिन) :

ق+ي+ا+م+ت
क़ियामत=قيامت

सुख़न

सुख़न यानी काव्य,कविता,बोल,वचन:

सु=س
ख़=خ
न=ن

सुख़न=سخن

ग़ालिब ने कहा है - " हैं और भी दुनिया में सुखनवर बहौत अच्छे , कहते हैं के ग़ालिब का अंदाज़-ए-बयाँ और।

ज़ौक़

रहता सुखन से नाम क़यामत तलक है ज़ौक़,
औलाद से रहे यही दो पुश्त चार पुश्त।

नामावर (नामाबर)

नामावर या नामाबर का अर्थ है संदेश पहुंचाने वाल या पात्र पहुंचाने वाला यानी (पोस्टमन) :

ना=نا
मा= ما
व= و
र= ر
नामावर=ناماور

सुराग़

सुराग़ शब्द हिन्दी कोर्ट कचहरी ki सामान्य बोल चाल में और फिल्में देखते वक्त तो हर बार सुनाई देता है ,
इसका अर्थ है चिन्ह,निशान,सबूत या खोज:

सु=س+و
रा=ر+ا
ग़=غ
सुराग़ =سوراغ