Monday, August 24, 2009

मज़ार

मज़ार याने समाधी , वह जगह जहाँ किसी की दफनाया गया हो।

م+زا+ر=مزار

निशाँ

निशाँ याने चिन्ह ।
ن+ش+ا+ں=نشاں

पा

पा का अर्थ है पैर, पाँव।

پ+ا=پا

नक़्श

नक़्श का अर्थ है चिन्ह , निशाँ ।
न=ن
क़ =ق
श=ش
नक़्श = نقش

नक्शे पा का अर्थ है पैरों के निशाँ .

नज़ार

नज़ार का अर्थ है अशक्त या दुर्बल :

ن+ز+ا+ر=نزار

फ़ैज़ ने कहा है : "जो मेरी तेरी उँगलियों की बे हिसी से सब क़लम नज़ार हैं "

क़लम

क़लम का अर्थ है कूंची या ब्रश :

ق+ل+م=قلم

हिसी

हिसी का अर्थ है संवेदना, अनुभूति।

बे हिसी का अर्थ है असंवेदनशीलता।

ب+ے+ح+س+ي=بےحسي

फ़िगार

फ़िगार का अर्थ है ज़ख्मी,घायल।

ف+گ+ا+ر=فگار

क्या करें- फ़ैज़ अहमद फ़ैज़

मेरी तेरी निगाह में
जो लाख इंतज़ार हैं
जो मेरे तेरे तन बदन में
लाख दिल फ़िगार हैं
जो मेरी तेरी उँगलियों की बेहिसी से
सब क़लम नज़ार हैं
जो मेरे तेरे शहर की
हर गली में
मेरे तेरे नक़्श-ए-पा के बेनिशाँ मज़ार हैं
जो मेरी तेरी रात के
सितारे ज़ख्म ज़ख्म हैं
जो मेरी तेरी सुबह के
गुलाब चाक चाक हैं
ये ज़ख्म सारे बे दवा
ये चाक सारे बे रफू
किसी पे राख चाँद की
किसी पे ओस का लहू
ये है भी नहीं,बता ?
ये है के महज़ जाल है
मेरे तुम्हारे इनक्बूत-ए-वहम का बुना हुआ
जो है तो इसका क्या करें
नहीं,है तो भी क्या करें
बता, बता
बता,बता