This is for all those who love urdu,would like to Read and write Urdu.
Tuesday, April 28, 2009
भाई
आज से बारह बरस पहले बड़ा भाई मेरा , स्तालिनग्राद की जंग में काम आया था। मेरी माँअब भी लिए फिरती है पहलू में ये ग़म जब से अब तक है वही तन पे रू-ऐ-मातम। और इस दुःख से मेरी आँख काम गोशा तर है, अब मेरी उम्र मेरे भाई से कुछ बढ़ कर है।
No comments:
Post a Comment