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Sunday, August 16, 2009
अदू को देख कर-दाग़ देहलवी
अदू को देख कर आंखों में अपनी खूँ उतरा, वो समझे बादा-ए-गुल-रंग का सुरूर आया। क़सम भी वो कभी क़ुरान की नहीं खाते , ये रश्क है उन्हें क्यूं इसमें ज़िक्र-ए-हूर आया।
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