तुम अपनी करनी कर गुज़रो
अब क्यों उस दिन का जिक्र करो,जब दिल टुकड़े हो जाएगा,और सारे ग़म मिट जाएँगे,
जो कुछ पाया खो जाएगा,जो मिल न सका वो पाएंगे।
ये दिन तो वही पहला दिन है,जो पहला दिन था चाहत का,हम जिस की तमन्ना करते रहे ,और जिस से हर दम डरते रहे
ये दिन तो कितनी बार आया,सौ बार बसे और उजड़ गए ,सौ बार लुटे और भर पाया।
अब क्यों उस दिन की फ़िक्र करो,जब दिल टुकड़े हो जाएगा और सारे ग़म मिट जायेंगे ,
तुम खौफ ओ खतरे से डर गुजरो,जो होना है सो होना है ,
गर हँसना है तो हँसना है,गर रोना है तो रोना है।
तुम अपनी करनी कर गुज़रो,जो होगा देखा जाएगा.
5 comments:
Nice...
Thanks for your great effort.
~Jayant
waah !!
nice likha hai...
बढ़िया है.
तुम खौफ ओ खतरे से डर गुजरो,जो होना है सो होना है ....
बहुत खूब ......!!
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