वृक्ष हों भले खड़े,हो घने, हो बड़े,
एक पत्र-छॉंह भी मॉंग मत, मॉंग मत, मॉंग मत!
अग्नि पथ! अग्नि पथ! अग्नि पथ!
तू न थकेगा कभी!तू न थमेगा कभी!तू न मुड़ेगा कभी!
कर शपथ! कर शपथ! कर शपथ!
अग्नि पथ! अग्नि पथ! अग्नि पथ!
ये महान दृश्य है, चल रहा मनुष्य है,
अश्रु श्वेत् रक्त से,लथ पथ, लथ पथ, लथ पथ !
अग्नि पथ! अग्नि पथ! अग्नि पथ!
1 comment:
Saare Jahan main Dhoob hamari Zuban ki hai
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