Monday, July 20, 2009

ज़ौक़

आदमी हो गर मुकद्दर क्या कसूर इदराक का,
खाक़ का पुतला है ये,कुछ तो असर हो खाक़ का।

मुकद्दर का मतलब है गन्दा ,घिनौना , जो साफ़ न रहता हो । ये शब्द मुक़द्दर से अलग है जिसका मतलब होता है भाग्य।

इदराक-ज्ञान,प्रतिभा,समझ.

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