रवाँ का अर्थ है बहने वाला,प्रवाही , प्राणवायु :
र+व+आँ= रवाँ
ر+و+ا+ں=رواں
अजीम शायर जोश मलीहाबादी ने कहा था(और ये अश्शार शायद भारत के विभाजन के वक्त के हैं)
"ए वतन , मेरे वतन रूह-ऐ-रवाँ-अहरार "
यानी ए वतन तू जो स्वतंत्र और उदारवादी लोगों का प्राण,प्राणवायु है।
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